जानें शुगर (Diabetes ) की बीमारी के लिए क्यों जरुरी है Urine Test

मधुमेह यानि शुगर (Diabetes ) आज के समय में सबसे गंभीर बीमारियों में से एक है। यह कई बीमारियों को भी जन्म दे सकती है। शुगर (Diabetes) तब होती है जब आपके शरीर में या तो पर्याप्त इंसुलिन (Insulin) नहीं बन पाता हो या फिर जो इंसुलिन बना है उसका सही से इस्तेमाल नहीं हो पाता है। इंसुलिन (Insulin) वह हार्मोन है जो शरीर की कोशिकाओं (Cells) को Glucose को अवशोषित(Absorb) करने में मदद करता है, जिससे Cells को ऊर्जा लगातार मिलती है। शुगर में अगर Glucose ज्यादा मात्रा में हो जाता है तो इससे आपकी कोशिकाओं Cells को नुकसान पहुंचा सकता है और आंखों (Eyes), किडनी (Kidney), हृदय (Heart) और तंत्रिकाओं सहित विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है.

शुगर के निदान और प्रबंधन में रक्त परीक्षण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. लेकिन कई बार डॉक्टर शुगर जांच के दौरान मूत्र परीक्षण (Urine Test ) कराने की भी सलाह देते हैं. आइए जानते हैं कि मधुमेह जांच में मूत्र परीक्षण की क्या भूमिका है

Urine Test से क्या पता चलता है? (What A Urine Test Doesn’t Do?)

Diabetes Teat

Urine Test शुगर से जुड़े दो महत्वपूर्ण चीजों की जांच कर सकता है:

  • ग्लूकोज (Glucose) : आम तौर पर, रक्त में मौजूद ग्लूकोज गुर्दे द्वारा फ़िल्टर हो जाता है और मूत्र में नहीं जाता. लेकिन जब रक्त शर्करा का स्तर बहुत अधिक हो जाता है, तो गुर्दे अतिरिक्त ग्लूकोज को मूत्र में पारित कर देते हैं. इसलिए, मूत्र परीक्षण मूत्र में ग्लूकोज की उपस्थिति का पता लगा सकता है.
  • कीटोन (Ketone): जब शरीर ऊर्जा के लिए पर्याप्त ग्लूकोज का उपयोग नहीं कर पाता है, तो वह वसा को जलाकर कीटोन नामक रसायन बनाता है. यह स्थिति आमतौर पर टाइप 1 मधुमेह या अनियंत्रित टाइप 2 (Type 2 Diabetes ) मधुमेह में देखी जाती है. मूत्र परीक्षण (Urine Test ) मूत्र में कीटोन की उपस्थिति का पता लगा सकता है, जो एक गंभीर संकेत हो सकता है इसलिए आपको तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए

मूत्र परीक्षण (Urine Test) की सीमाएं

हालांकि मूत्र परीक्षण मधुमेह (Urine Test) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दे सकता है, लेकिन इसकी कुछ सीमाएं भी हैं:

  • Glucose की केवल शुगर का संकेच नहीं होता : मूत्र में ग्लूकोज की उपस्थिति जरूरी नहीं है कि आपको शुगर हो. कुछ दवाएं या आहार भी मूत्र में ग्लूकोज (Glucose ) का स्तर बढ़ा सकती हैं. इसलिए, मधुमेह का निदान करने के लिए मूत्र परीक्षण पर्याप्त नहीं है. रक्त परीक्षण (Blood Test) मधुमेह के निदान के लिए अधिक सटीक तरीका है.
  • Glucose का लेवल मात्र एक संकेत होता है : मूत्र में ग्लूकोज की मात्रा रक्त शर्करा के स्तर का सीधा संकेत नहीं देती. यह केवल उच्च Blood Glucose का एक संकेत भर हो सकती है. रक्त शर्करा ( Blood Glucose) के स्तर की सही निगरानी के लिए रक्त परीक्षण ही बेहतर विकल्प है.

कब करवाएं मूत्र परीक्षण?

यदि आपको शुगर है, तो आपका डॉक्टर नियमित रूप से मूत्र परीक्षण कराने की सलाह दे सकता है. यह मधुमेह नियंत्रण की जांच करने और कीटोन्स की उपस्थिति का पता लगाने में मदद करता है. इसके अलावा, यदि आपको मधुमेह के लक्षण हैं, जैसे कि बार-बार पेशाब आना, अत्यधिक प्यास लगना और थकान, तो डॉक्टर मूत्र परीक्षण सहित कई अन्य जांच कर सकते हैं.

निष्कर्ष
शुगर (Sugar) जांच में मूत्र परीक्षण एक सहायक उपकरण है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. मधुमेह का निदान और रक्त शर्करा (Blood Glucose ) के स्तर की सही निगरानी के लिए रक्त परीक्षण (Blood Test) ही सबसे विश्वसनीय तरीका है.

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